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| 1. |
वह अत्यंत गंभीर मुद्रा में दरबार में बेठता था . दरबार में वह न तो खुद हँसता था और न ही किसी को हंसी - मजाक या फालतू बात करने की इजाजत देता था , वह उक्ति किससे सम्बन्धित है - |
| A. | इल्तुतमिश |
| B. | बलबन |
| C. | अलाउद्दीन खिल्जी |
| D. | मुहम्मद - बिन - तुगलक |
| Answer» C. अलाउद्दीन खिल्जी | |