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| 1. |
धूमकेतु की पुच्छ सूर्य से परे दिष्ट होती है क्योंकि - |
| A. | जैसे - जैसे धूमकेतु सूर्य के चारों और घूर्णन करता हैं वैसे - वैसे उसका हल्का द्रव्यमान केवल अपकेन्द्री बल के कारण दूर क्षिप्त हो जाता है । |
| B. | जैसे - जैसे धूमकेतु घूर्णन करता हैं , उसका हल्का द्रव्यमान उसकी पुच्छ की दिशा में स्थित किसी तारे द्वारा आकर्षित हो जाता हैं । |
| C. | सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण धूमकेतु पर भैज्य दाब डालता हैं , जिससे उसकी पुच्छ सूर्य से दूर क्षिप्त हो जाती हैं । |
| D. | धूमकेतु की पुच्छ सदैव एक हो अभिविन्यास में रहती हैं । |
| Answer» D. धूमकेतु की पुच्छ सदैव एक हो अभिविन्यास में रहती हैं । | |